Corona, You and Nature

सच तो यह है कि कोरोना प्रकृति के प्रति इंसानी आतंक और दुर्भावना के कारण उपजे पापों का ही नतीजा है, कौन लाया, किसने बनाया, ये बेफ़िज़ूल बातें हैं, किसी ने बनाया भी है तो परमात्मा ने उसकी बुद्धि को उस दिशा में निर्देशित किया है, माध्यम कोई भी हो, जो भी होता है, इच्छा हमेशा परमात्मा की ही होती है, यह एक महादण्ड है परमात्मा का मानवीय सभ्यता को, अतः अब बुद्धिमानी इसी में है, इंसान पागलों की तरह सब कुछ खा जाने की प्रवत्ति से बाहर निकले, पहाड़, नदियाँ, जंगल, तालाब ये सभी धरती के संतुलन और सभी प्राणियों की मूलभूत आवश्यकताओं के लिये हैं, और इंसान इनके बिना ज़िंदा नहीं रह सकता, अर्थव्यवस्था की परिभाषा बदलनी होगी, पारिस्थितक तंत्र को बर्बाद करके नोटों से पेट नहीं भरा जा सकता, नोटों पर आधारित अर्थव्यवस्था, सिर्फ संग्रह और प्राकृतिक लूट मार ही बढ़ा सकती है, समझ नहीं आता, कि वैश्विक नेतृत्व यह समझने में अक्षम है, और जनता को खुद ही नर्क के रास्ते पर चला रहा है, खैर, अब यह सब कारण, परिणाम, देश की सरकारों, नीतियाँ बनाने वालों, और जनमानस को ज़ल्द सोच कर वसुधैव कुटुम्बकम् पर आधारित अपनी जीवन शैली बनानी होगी, अन्यथा संसार में सिर्फ नोट ही रह जायेंगे, न उनसे कुछ खरीद पाओगे और न पेट भर पाओगे, भयंकर बढ़ती इंसानी आबादी के असंतुलन की वजह से भोगवादी इंसान प्रकृति को खाता चला जायेगा, संग्रह करता रहेगा, प्राकृतिक संसाधन कम होते रहेंगे, पेट भरने, पानी जैसी मूलभूत आवश्यकताओं के लिये जन संघर्ष बढ़ेगा, और फ़िर पेट भरने को एक दिन रह जायेगा – वाइफाई, सोशल मीडिया और पगलाये इंसान की सारी लक्ज़री, और हाँ, वायरस अपना काम करता रहेगा, जलवायु परिवर्तन के हिसाब से स्पीड कम ज्यादा होती रहेगी, आपके वैक्सीन के तोड़ के लिये भाई बंधुओं को भी ला सकता है, खुद को ही महाबुद्धिमान और महाशक्तिशाली समझ कर ही इंसान बर्बादी के रास्ते पर चल रहा है, वक़्त है, जाग जाओ, प्रकृति को परिवार का सदस्य मान कर उसकी प्यार, इज़्ज़त से देखभाल करो, वरना प्रलय के लिये तैयार रहो, क्योंकि कर्म कभी निष्फ़ल नहीं होते, पुण्य करो, या पाप, भुगतने तो पड़ेंगे ही, जितने भी भागीदार हैं, सभी को ही, अतः, आइये, जाग जायें, अभी भी बहुत देर नहीं हुई है।
आलोक पाण्डेय (Founder, sajagprahari.in)

6 Replies to “Corona, You and Nature”

  1. Thank you for sharing this insightful article! I found the information really useful and thought-provoking. Your writing style is engaging, and it made the topic much easier to understand. Looking forward to reading more of your posts!

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